वाशिंगटन: भारतीय मूल के विवेक रामास्वामी (Vivek Ramaswamy) ने आयोवा रिपब्लिकन कॉकस में खराब प्रदर्शन के बाद आज 2024 में होने वाली अमेरिकी राष्ट्रपति पद से अपनी दावेदारी छोड़ दी है. विवेक रामास्वामी (Vivek Ramaswamy) ने कहा कि फिलहाल मैं इस राष्ट्रपति अभियान को रोक रहा हूं. मैंने डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) को ये बताने के लिए फोन किया कि अब आगे चलकर राष्ट्रपति पद के लिए उन्हें मेरा पूरा समर्थन मिलेगा. बता दें कि राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार तय करने के लिए आयोवा के रिपब्लिकन कॉकस में हुई वोटिंग में डोनाल्ड ट्रंप को जीत मिली और रामास्वामी का प्रदर्शन इस दौरान काफी खराब रहा.
रामास्वामी ने फरवरी 2023 में दौड़ में रिपब्लिकन पार्टी से अपनी उम्मीदवारी पेश की थी। उस समय वह अमेरिकी राजनीति के लिए नए थे लेकिन बीते 11 महीनों में वह काफी हद तक रिपब्लिकन मतदाताओं का ध्यान खींचने में कामयाब रहे थे। रामास्वामी का चुनावी अभियान और नीतियां पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मिलती जुलती हैं। रामास्वामी भी उसी तरह के मुद्दे उठा रहे थे, जो ट्रंप ने 2017 के चुनावों में उठाए थे और उनको जीत मिली थी।
विवेक रामास्वामी(Vivek Ramaswamy) ने किया डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) का समर्थन
सोमवार को डोनाल्ड ट्रंप ने राष्ट्रपति चुनाव में रिपब्लिकन पार्टी का उम्मीदवार चुनने की प्रक्रिया में आयोवा कॉकस में जीत हासिल की है। आयोवा कॉकस के लिए मतदाताओं ने ट्रंप पर भरोसा दिखाया, जो लगातार तीसरी बार राष्ट्रपति पद के चुनाव में रिपब्लिकन उम्मीदवार बनने के लिए दावेदारी पेश कर रहे हैं। रामास्वामी मुख्य मुकाबले में भी नहीं आ सके और चौथे नंबर पर रहे, इसके बाद उन्होंने घोषणा की कि वह राष्ट्रपति चुनाव में रिपब्लिकन पार्टी का उम्मीदवार बनने की दौड़ से हट रहे हैं। 38 विवेक रामास्वामी (Vivek Ramaswamy) ने डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) का समर्थन किया। इससे रिपब्लिकन कैंडिडेट की दौड़ में ट्रंप की स्थिति काफी मजबूत हो गई है। बता दें कि आयोवा कॉकस अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव प्रक्रिया में काफी अहम स्थान रखती है, इसमें पार्टी के सदस्य अपने राष्ट्रीय सम्मेलनों में राष्ट्रपति पद के उम्मीदवारों का समर्थन करने के लिए प्रतिनिधियों का चयन करते हैं।
केरल से अमेरिका गए थे Vivek Ramaswamy के माता पिता
विवेक रामास्वामी भारतीय मूल के अमेरिकी नागरिक हैं। विवेक के माता-पिता केरल के पलक्कड़ से अमेरिका गए थे। रामास्वामी का जन्म अमेरिका के ओहियो के सिनसिनाटी में हुआ था। विवेक रामास्वामी ने हार्वर्ड कॉलेज से जीवविज्ञान में स्नातक और येल यूनिवर्सिटी से कानून की पढ़ाई की है। विवेक अमेरिका के बड़े कारोबारियों में गिने जता हैं। विवेक की पत्नी अपूर्वा ओहियो स्टेट यूनिवर्सिटी के वेक्सनर मेडिकल सेंटर में असिस्टेंट प्रोफेसर और सर्जन हैं। विवेक ने 2022 में राष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवारी का ऐलान किया था, जिसे अब उन्होंने वापस ले लिया है।
चर्चा क्यों में आए थे विवेक रामास्वामी?
विवेक रामास्वामी ने कहा था कि अगर वे देश के राष्ट्रपति चुने जाते हैं तो वे अवैध प्रवासियों को वापस उनके देश भेज देंगे. उन्होंने दो टूक कहा था कि अमेरिका में जो भी गैरकानूनी रूप से रह रहे है, उन पर कोई नरमी नहीं बरती जाएगी. उन्हें उनके देश भेजा जाएगा. हम इन अवैध प्रवासियों को बर्दाश्त नहीं करेंगे. साथ ही उनके बच्चों की नागरिकता भी खत्म करेंगे
कौन हैं भारतीय अमेरिकी विवेक रामास्वामी (Vivek Ramaswamy) ?
Who is Indian American Vivek Ramaswamy?
विवेक रामास्वामी भारतीय मूल के रिपब्लिकन पार्टी के अमेरिकी नेता हैं और अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के लिए अपने प्रत्याशी पद की दावेदारी कर रहे हैं. 38 वर्षीय रामास्वामी रामास्वामी का जन्म ओहिया में हुआ था. उनके माता-पिता भारत के आप्रवासी थे. उन्होंने हार्वर्ड विश्वविद्यालय से जीव विज्ञान की डिग्री हासिल की और फिर येल लॉ स्कूल की पढ़ाई पूरी की.
रामास्वामी ने हेज फंड निवेशक के रूप में काम किया और येल से स्नातक होने से पहले ही उन्होंने कई मिलियन डॉलर कमा लिए थे. 2014 में उन्होंने अपनी खुद की बायोटेक कंपनी, रोइवंत साइंसेज (ROIV.O) की स्थापना की, जिसने उन दवाओं के लिए बड़ी कंपनियों से पेटेंट खरीदे, जो अभी तक पूरी तरह से विकसित नहीं की गई थीं. उन्होंने 2021 में सीईओ पद से इस्तीफा दे दिया.लेकिन वर्ष 2023 तक इसके अध्यक्ष बने रहे. वर्ष 2022 में रामास्वामी ने स्ट्राइव एसेट मैनेजमेंट के को-फाउंडर भी थे. फरवरी 2023 में, रामास्वामी ने 2024 के चुनाव में राष्ट्रपति पद के लिए रिपब्लिकन पार्टी के नामांकन के लिए अपनी उम्मीदवारी की घोषणा की.